औरते कैसे घरेलु हिंसा के खिलाफ आवाज उठा सकती है ? कानून ने औरतों को क्या क्या अधिकार दिए है ? How can women raise their voice against these? What rights has the law given to women?
औरत कैसे घरेलु हिंसा के खिलाफ आवाज उठा सकती है ? कानून ने औरतों को क्या क्या अधिकार दिए है ?
How can women raise their voice against these? What rights has the law given to women?
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हमारे भारत के लोग सदियों से औरत के ऊपर अत्याचार करते आये है जैसे के मैने अपने पहले ब्लॉग में बताया था। हमारे धार्मिक ग्रंथो में तो ऐसा कुछ लिखा नहीं था जैसे के हमारे भारत के लोग करते थे ,सती प्रथा, विधवा को उसका कोई हक़ न देना, पड़ने न देना आदि जैसी रूढ़ीवादी परम्पराये। जब हमे हमारे देश मैं पैदा हुए संतो ,महात्माओ ने ये सब न करने को कहा था, तब किसी ने इसे पूरी तरह नहीं माना। तब उस समय औरतो के लिए एक मसीहा के रूप में उभरे डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने भारतीय महिलाओं की मुक्ति और सशक्तीकरण के लिए बहुत मेहनत की। उन्होंने भारत में महिलाओं के लिए कई कानून बनाए, उन का विवरण निम्न लिखित है :-
ENGLISH TRANSLATION:
People of our India have been persecuting women for centuries, as I said in my earlier blog . There was nothing written in our religious texts as the people of our India used to do, orthodox traditions like Sati system, not giving any rights to the widow, not letting them fall etc. When we were born saints in our country, the Mahatma told us not to do all this, then no one is completely. At that time, Dr. Baba saheb Ambedkar, who emerged as a messiah for women, worked hard for the liberation and empowerment of Indian women. He made many laws for women in India, the details of them are as follows: -
1) औरतों के लिए कानून मैं पहली बार महंगाई भत्ते का प्रावधान रखा। (Dearness Allowance)
2) औरतों के लिए कानून मैं पहली बार महिला श्रम कल्याण निधि का प्रावधान। ( Women Labour welfare fund,)
3) ई.एस.आई,( ESI,)
6) महिला श्रम बिल के लिए मातृत्व लाभ,( Maternity Benifit for women Labour bill,)
7) तलाक अधिनियम,( Divorce Act,)
8) पैतृक संपत्ति पर अधिकार,(Right over parental Property,)
11) खान आदि में महिला कामकाजी भूमिगत पर प्रतिबंध की बहाली।(Restoration of Ban on Women Working Underground in Mines etc.,)
13) कानूनी रूप से अलग होने पर पति से रखरखाव भत्ता,(Maintenance allowance from husband on getting legally separation)
15) माँ अपनी इच्छा से नाबालिग के अभिभावक को बदल सकती है।(Mother can change guardian of minor by will.)
डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने भारत की महिलाओं को जो उन के ऊपर सदियों से अत्याचार होते थे उन से मुक्ति दिलवाई। आज भी कई महिलाओं को अपने पूरे अधिकारों के बारे में पुरण ज्ञान नहीं है।आज इस ब्लॉग के जरिये मैं आप को बताऊंगा। हमारे भारत के वर्तमान कानून में कौन कौन से प्रावधान है जिससे घरेलु हिंसा से बचा जा सकता है, अगर कोई नारी घरेलु हिंसा की शिकार होती है तो उसे क्या करना चाहिए ? अगर आप को आपके ससुराल वाले, जा आप का पति दहेज़ के लिए जा आप के रूप रंग जा आप को इस वजह से मारता है कि आप के लड़की पैदा हुई है जा आप को कोई काम करने के लिए बार-बार मारता है, जा आप को इस लिए तंग परेशान करते है की आप के कोई संतान नहीं हो रही। तो आप घरेलु हिंसा की शिकार है। तो आप बिलकुल न घबराये। बुराई कितनी भी क्यों न हो उसका अंत जरूर होता है। हमारे भारत के वर्तमान कानून में महिलाओं को बहुत से अधिकार दिए है।
1.सबसे पहले आप को जब भी लगता है की आप घरेलु हिंसा का शिकार हो रही है ,आप के बार-बार समझाने से जा बार-बार मना करने पर भी आप का पति और आप के ससुराल वाले आप से मार-पीट कर रहे है। तो आप अपने भारत के कानून के ऊपर पूरा भरोसा रखे और पक्के इरादे से निर्णया ले। आप अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन में जा कर आयी. पी. सी. की धारा 498 के तहत आप कंप्लेंट दर्ज करवा सकते है। अगर किसी कारण वश वो आप की कंप्लेंट रजिस्टर नहीं करते तब आप उसी कंप्लेंट को अपने एरिया का सीनियर पुलिस ऑफिसर को भी दे सकते हो। अगर पुलिस कोई करवाई नहीं करती या आप बिना FIR रजिस्टर करे अपने इलाक़े के प्रोटेक्शन ऑफिसर या मजिस्टर को भी कर सकते है। अगर कोई गुड फेथ मैं प्रोटेक्शन ऑफिसर या मजिस्ट्रेट को घरेलु हिंसा के बारे में बताता है तो उस के ऊपर किसी तरह का सिविल या क्रिमिनल मामला दर्ज नहीं किया जायेगा।
2. महिला जहाँ पे कॉज ऑफ़ एक्शन हुआ है ,जहाँ पे उसका पति रहता है या फिर जहाँ महिला का माईका है तीनो में किसी भी एक जगा पे घरेलु हिंसा की एप्लीकेशन सेक्शन 12 के तहत लगा सकती है। महिला अपनी प्रोटेक्शन के लिए एप्लीकेशन भी दे सकती है अगर उसको लगता है की उसकी जान को खतरा है। मॉनेटरी रिलीफ , कस्टडी आर्डर ,रिहाइश का ऑर्डर, कंपनसेशन का आर्डर भी ले सकती है।
3. साथ ही महिला मेंटेनेंस भी क्लेम कर सकती है सेपरेट कंप्लेंट डाल कर अंडर CRPC के सेक्शन 125 इसके लिए मैने एक ब्लॉग लिखा आप उसको पद कर लाभ उठा सकते हो।
4. खर्चा न देने की सूरत में हो सकती है जेल। खर्चा जेल जाने के बाद भी देना पड़ेगा।
5. अपना वकील करने के लिए जो भी फीस होगी वो पति को देनी पड़ेगी।
6. अगर महिला को लगता है की जब वो ब्यान देने जाएगी तब उसकी जान को खतरा है तो वो विडिओ कांफ्रेंस के जरिये भी ब्यान दे सकती है।
7. महिला चाहे तो अपने ससुराल में भी रह सकती है किसी के भी मात्र छूने पर उसके ऊपर हो जाएगी FIR .
8. महिला अपने बचो का भी खर्चा ले सकती है।
9.अगर ससुराल वाले जा उसका पति प्रोटेक्ट ऑर्डर को नकारता है तो उसको CONGNIZABLE OFFENCE माना जाये और उसकी सुचना आप की जुरिडिक्शन में पड़ते पुलिस स्टेशन में दे।
10 पीड़ित महिला चिकित्सा को सुविधा भी मिलेगी।
ये कुछ पॉइंट्स है जिसके साथ कोई भी भारतीय महिला घरेलु हिंसा से बच सकती है अगर आप ने कोई भी किसी भी किसम का कोई सवाल पूछना हो तो आप मुझे कमेंट में लिख सकते हो। मेरे इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ता जो ये भारत के कोने कोने में पहुंचे और जो बेचारी महिला घरेलु हिंसा हिंसा का शिकार हो रही है वो हिम्मत जुटा कर बच सके। फिर मिलने के लिए नमस्कार।
ENGLISH TRANSLATION:
Dr. B. R. Ambedkar ji liberated the women of India from those who were tortured over them for centuries. Even today many women do not have full knowledge about their rights. Today, through this blog, I will tell you which provisions in our current law of India, which can be avoided in domestic violence, if any woman has committed violence. What should she do if she is a victim? If you find your in-laws, your husband beating you for dowry, beating for color as you,beating you for you born girl . This is why you are troubled that you are not having any children. So if you are a victim of domestic violence then you should not panic at all. No matter how bad it is, there is an end to it. In our present law of India, many rights have been given to women.
1. First of all, whenever you feel that you are a victim of domestic violence, your husband and your in-laws are beating you even after repeatedly refusing to explain to you. So it is very important for you to have full faith in your own Indian law and to take decisions with firm intentions. You came to the police station near you. Under Section 498 of IPC, you can get the complaint registered. If, for some reason, they do not register your complaint, then you can also send that same complaint to the senior police officer of your area. If the police does not take any action or you can also register the protection officer or magistrate of your area without registering an FIR. . If any Good Faith I officer or magistrate tells about domestic violence, then some kind of civil or criminal case will not be filed against him.
2. Where the woman has paid a cause of action or where her husband lives, then where the woman has a mica, one can apply domestic violence application under section 12 on any of the three wakes. A woman can also apply for her protection if she feels that her life is in danger. Monetary relief, custody order, stay order, compensation order can also be taken
3. Along with this, women maintenance can also claim by putting a separating component under section 125 of CRPC, for this I wrote a blog, you can benefit by posting it.
4. husband may arrest if you do not pay maintenance. The expenses will have to be paid even after going to arrest.
5. Whatever fees will be required to pay your lawyer, the husband will have to pay.
6. If the woman feels that when she goes to give her statement, then her life is in danger, then she can give the statement through video conference.
7. If the woman wants, she can continue to live in her in matrimonial home, anyone will be FIR on touching .
8. woman can also claim maintenance for her children.
9. If her husband in-laws rejects the Protect Order, she should be treated as a CONGNIZABLE OFFENCE and her information goes to the police under your juridication.
10.There are also medical facilities for the victim women.
These are some points with which any Indian woman can avoid domestic violence, if you have any question of any kind, then you can write me in the comment. please share this blog to more and more because this blog may reach to those women who are being victim of domestic violence, they can save herself by daring. Hello again to meet.
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ENGLISH TRANSLATION:
People of our India have been persecuting women for centuries, as I said in my earlier blog . There was nothing written in our religious texts as the people of our India used to do, orthodox traditions like Sati system, not giving any rights to the widow, not letting them fall etc. When we were born saints in our country, the Mahatma told us not to do all this, then no one is completely. At that time, Dr. Baba saheb Ambedkar, who emerged as a messiah for women, worked hard for the liberation and empowerment of Indian women. He made many laws for women in India, the details of them are as follows: -
1) औरतों के लिए कानून मैं पहली बार महंगाई भत्ते का प्रावधान रखा। (Dearness Allowance)
2) औरतों के लिए कानून मैं पहली बार महिला श्रम कल्याण निधि का प्रावधान। ( Women Labour welfare fund,)
3) ई.एस.आई,( ESI,)
6) महिला श्रम बिल के लिए मातृत्व लाभ,( Maternity Benifit for women Labour bill,)
7) तलाक अधिनियम,( Divorce Act,)
7) तलाक अधिनियम,( Divorce Act,)
8) पैतृक संपत्ति पर अधिकार,(Right over parental Property,)
11) खान आदि में महिला कामकाजी भूमिगत पर प्रतिबंध की बहाली।(Restoration of Ban on Women Working Underground in Mines etc.,)
13) कानूनी रूप से अलग होने पर पति से रखरखाव भत्ता,(Maintenance allowance from husband on getting legally separation)
15) माँ अपनी इच्छा से नाबालिग के अभिभावक को बदल सकती है।(Mother can change guardian of minor by will.)
डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने भारत की महिलाओं को जो उन के ऊपर सदियों से अत्याचार होते थे उन से मुक्ति दिलवाई। आज भी कई महिलाओं को अपने पूरे अधिकारों के बारे में पुरण ज्ञान नहीं है।आज इस ब्लॉग के जरिये मैं आप को बताऊंगा। हमारे भारत के वर्तमान कानून में कौन कौन से प्रावधान है जिससे घरेलु हिंसा से बचा जा सकता है, अगर कोई नारी घरेलु हिंसा की शिकार होती है तो उसे क्या करना चाहिए ? अगर आप को आपके ससुराल वाले, जा आप का पति दहेज़ के लिए जा आप के रूप रंग जा आप को इस वजह से मारता है कि आप के लड़की पैदा हुई है जा आप को कोई काम करने के लिए बार-बार मारता है, जा आप को इस लिए तंग परेशान करते है की आप के कोई संतान नहीं हो रही। तो आप घरेलु हिंसा की शिकार है। तो आप बिलकुल न घबराये। बुराई कितनी भी क्यों न हो उसका अंत जरूर होता है। हमारे भारत के वर्तमान कानून में महिलाओं को बहुत से अधिकार दिए है।
1.सबसे पहले आप को जब भी लगता है की आप घरेलु हिंसा का शिकार हो रही है ,आप के बार-बार समझाने से जा बार-बार मना करने पर भी आप का पति और आप के ससुराल वाले आप से मार-पीट कर रहे है। तो आप अपने भारत के कानून के ऊपर पूरा भरोसा रखे और पक्के इरादे से निर्णया ले। आप अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन में जा कर आयी. पी. सी. की धारा 498 के तहत आप कंप्लेंट दर्ज करवा सकते है। अगर किसी कारण वश वो आप की कंप्लेंट रजिस्टर नहीं करते तब आप उसी कंप्लेंट को अपने एरिया का सीनियर पुलिस ऑफिसर को भी दे सकते हो। अगर पुलिस कोई करवाई नहीं करती या आप बिना FIR रजिस्टर करे अपने इलाक़े के प्रोटेक्शन ऑफिसर या मजिस्टर को भी कर सकते है। अगर कोई गुड फेथ मैं प्रोटेक्शन ऑफिसर या मजिस्ट्रेट को घरेलु हिंसा के बारे में बताता है तो उस के ऊपर किसी तरह का सिविल या क्रिमिनल मामला दर्ज नहीं किया जायेगा।
2. महिला जहाँ पे कॉज ऑफ़ एक्शन हुआ है ,जहाँ पे उसका पति रहता है या फिर जहाँ महिला का माईका है तीनो में किसी भी एक जगा पे घरेलु हिंसा की एप्लीकेशन सेक्शन 12 के तहत लगा सकती है। महिला अपनी प्रोटेक्शन के लिए एप्लीकेशन भी दे सकती है अगर उसको लगता है की उसकी जान को खतरा है। मॉनेटरी रिलीफ , कस्टडी आर्डर ,रिहाइश का ऑर्डर, कंपनसेशन का आर्डर भी ले सकती है।
3. साथ ही महिला मेंटेनेंस भी क्लेम कर सकती है सेपरेट कंप्लेंट डाल कर अंडर CRPC के सेक्शन 125 इसके लिए मैने एक ब्लॉग लिखा आप उसको पद कर लाभ उठा सकते हो।
4. खर्चा न देने की सूरत में हो सकती है जेल। खर्चा जेल जाने के बाद भी देना पड़ेगा।
5. अपना वकील करने के लिए जो भी फीस होगी वो पति को देनी पड़ेगी।
6. अगर महिला को लगता है की जब वो ब्यान देने जाएगी तब उसकी जान को खतरा है तो वो विडिओ कांफ्रेंस के जरिये भी ब्यान दे सकती है।
7. महिला चाहे तो अपने ससुराल में भी रह सकती है किसी के भी मात्र छूने पर उसके ऊपर हो जाएगी FIR .
8. महिला अपने बचो का भी खर्चा ले सकती है।
9.अगर ससुराल वाले जा उसका पति प्रोटेक्ट ऑर्डर को नकारता है तो उसको CONGNIZABLE OFFENCE माना जाये और उसकी सुचना आप की जुरिडिक्शन में पड़ते पुलिस स्टेशन में दे।
10 पीड़ित महिला चिकित्सा को सुविधा भी मिलेगी।
ये कुछ पॉइंट्स है जिसके साथ कोई भी भारतीय महिला घरेलु हिंसा से बच सकती है अगर आप ने कोई भी किसी भी किसम का कोई सवाल पूछना हो तो आप मुझे कमेंट में लिख सकते हो। मेरे इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ता जो ये भारत के कोने कोने में पहुंचे और जो बेचारी महिला घरेलु हिंसा हिंसा का शिकार हो रही है वो हिम्मत जुटा कर बच सके। फिर मिलने के लिए नमस्कार।
ENGLISH TRANSLATION:
Dr. B. R. Ambedkar ji liberated the women of India from those who were tortured over them for centuries. Even today many women do not have full knowledge about their rights. Today, through this blog, I will tell you which provisions in our current law of India, which can be avoided in domestic violence, if any woman has committed violence. What should she do if she is a victim? If you find your in-laws, your husband beating you for dowry, beating for color as you,beating you for you born girl . This is why you are troubled that you are not having any children. So if you are a victim of domestic violence then you should not panic at all. No matter how bad it is, there is an end to it. In our present law of India, many rights have been given to women.
1. First of all, whenever you feel that you are a victim of domestic violence, your husband and your in-laws are beating you even after repeatedly refusing to explain to you. So it is very important for you to have full faith in your own Indian law and to take decisions with firm intentions. You came to the police station near you. Under Section 498 of IPC, you can get the complaint registered. If, for some reason, they do not register your complaint, then you can also send that same complaint to the senior police officer of your area. If the police does not take any action or you can also register the protection officer or magistrate of your area without registering an FIR. . If any Good Faith I officer or magistrate tells about domestic violence, then some kind of civil or criminal case will not be filed against him.
2. Where the woman has paid a cause of action or where her husband lives, then where the woman has a mica, one can apply domestic violence application under section 12 on any of the three wakes. A woman can also apply for her protection if she feels that her life is in danger. Monetary relief, custody order, stay order, compensation order can also be taken
3. Along with this, women maintenance can also claim by putting a separating component under section 125 of CRPC, for this I wrote a blog, you can benefit by posting it.
4. husband may arrest if you do not pay maintenance. The expenses will have to be paid even after going to arrest.
5. Whatever fees will be required to pay your lawyer, the husband will have to pay.
6. If the woman feels that when she goes to give her statement, then her life is in danger, then she can give the statement through video conference.
7. If the woman wants, she can continue to live in her in matrimonial home, anyone will be FIR on touching .
8. woman can also claim maintenance for her children.
9. If her husband in-laws rejects the Protect Order, she should be treated as a CONGNIZABLE OFFENCE and her information goes to the police under your juridication.
10.There are also medical facilities for the victim women.
These are some points with which any Indian woman can avoid domestic violence, if you have any question of any kind, then you can write me in the comment. please share this blog to more and more because this blog may reach to those women who are being victim of domestic violence, they can save herself by daring. Hello again to meet.
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